श्री कुवेंपु जी कर्नाटक में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करनेवाले प्रथम साहित्यकार है। श्री कुवेंपु जी का पूरा नाम है कुप्पळ्ळी उनके गाँव का नाम है, वेंकटप्पा उनके पिताजी का और पुट्टप्पा खुद का। तीनों के प्रथमाक्षरों से ‘कुवेंपु’ नाम बन पड़ा है और वे इसी नाम से प्रसिद्ध है। उनकी माता जी का नाम सीतम्मा था। श्री कुवेंपु जी का जन्म 29 दिसंबर 1904 को हुआ। उनके पिताजी शिवमोग्गा जिले के तीर्थहळ्ळी तालुक के कुप्पळ्ळि नामक गाँव के निवासी थे।
श्री कुवेंपु जी की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा शिवमोग्गा जिले में हुई। उच्च शिक्षा मैसूर में प्राप्त की। उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज में बी.ए.,एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे मैसूर विश्वविदयालय के कन्नड विभाग में प्रवक्ता बने और कालक्रम में उसके अध्यक्ष बने।
लगभग बारह साल के बाद वे मैसूर विश्वविद्यालय के उपकुलपति हुए। सन् 1960 में उन्होंने अवकाश प्राप्त किया। सन् 1996 में मैसूर में उनका देहांत हुआ।
साहित्यिक रचनाएँ-
*. कविता संकलनः
1.कोळलु (बाँसुरी)
2.पांचजन्य
3.कलासुंदरी
4.अग्निहंस
5.कृत्तिके
6.पक्षिकाशी
7.नविलु (मोर)
8.कोगिले मत्तु सोवियत रश्या
9.बापूजीगे बाष्पांजली
10.जेनागुवा
11.चंद्रमंचके बा चकोरी
12.इक्षु गंगोत्री
13.अनिकेतन
14.अनुत्तरा
15.मंत्राक्षते
16.प्रेम काश्मीर
17.षोडशी
18.कुटीचाक
19.प्रेत-क्यू
20.कदरडके
21.कन्नड डिण्डिम
22.होन्न होत्तरे
23.कोनेयतेने मत्तु विश्वमानव संदेश
*.कथात्मक काव्यः
1.कथन कवनगळु 2.समुद्र लंघन
*.प्रगीतः
1.श्री स्वातंत्र्योदय महाप्रगाथा
*.महाकाव्य
1.श्री रामायण दर्शनम्
*.खंडकाव्यः
1.चित्रांगदा
2.महादर्शन मत्तु प्रायश्चित्त
*.पद्यात्मक गद्य
1.किंकिणी
*.नाटकः
1.यमन सोलू
2.जलगार
3.बिरुगाळि
4.वाल्मीकिय भाघ्य
5.महारात्री
6.श्मशानकुरुक्षेत्रम्
7.शूद्र तपस्वी
8.रक्ताक्षी
9.बेरळ्गे कोरळु
10.बलिदान
11.चंद्रहास
12.कानीन
*.उपन्यासः
1.कानूरु हेग्गडति
2.मलेगळल्लि मदुमगळु
*.कहानी-संग्रहः
1.सन्यासी मत्तु इतर कथेगळु
2.नन्न देवरु मत्तु इतर कथेगळु
3.कथेगळोडने आरंभदल्ली
*.निबंध संग्रहः
1.मलेनाडिन चित्रगऴु
2.षष्टी नमन
*.बाल साहि्त्यः
1.अमलन कथे
2.हाळूरु
3.मोडण्णन तम्म
4.बोम्मनहळ्ळि किंदरी जोगी
5.नन्न गोपाल
6.नन्न मने
7.मरि विज्ञानी
8.मेघपुरी
9.नरिगळिगेके कोडिल्ल
*.भाषण-संग्रह
1.साहित्य-प्रचार
2.विचार क्रांतिगे आह्वान
*.समालोचन(संग्रह)
1.काव्य विहार
2.इत्यादि
3.विभूति
4.द्रौपदिय श्रीमुडी
5.रसो वै सः
6.तपोनंदन
*.जीवनीः
1.स्वामी विवेकानंद
2.श्री रामकृष्ण परमहंस
*.अनुवादः
1.वेदांत
2.जनप्रिय वाल्मीकि रामायण
3.गुरुनोडने देवरेडिगे
*.आत्मकथाः
1.नेनपिन दोणियल्ली भाग-1 और भाग-2
संपादकः डॉ.एस विजीचक्केरे
संदर्भः डॉ.बी रामसंजीवय्या, अभिनंदन ग्रंथ-संजीवनी,
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